फारूक अब्बास। बैकिंग सिस्टम हमारी जिन्दगी का अहम हिस्सा बन गया है। अगर आप कोई भी वित्तीय लेन-देन करना हो तो आपके पास बैंक खाता होना आवश...
फारूक अब्बास। बैकिंग सिस्टम हमारी जिन्दगी का अहम हिस्सा बन गया है। अगर आप कोई भी वित्तीय लेन-देन करना हो तो आपके पास बैंक खाता होना आवश्यक है। आपके वित्तीय लेनदेन के सुरक्षित रखने व रिकार्ड के लिये बैंक खाता होना अति आवश्यक है।
बैंक खाता क्या होता है
यह एक प्रकार का बही खाता या लेजर होता है जिसमें पैसे के लेन-देन का हिसाब रखा जाता है। पहले ये खाता एक हस्तलिखित दस्ताबेज होता हैं वर्तमान में बैंको में डिजीटल बही होती है। कम्पयूटर फाइल में सभी हिसाब किताब रखे जाते हैं।
बैंक खातों में आपके द्वारा किया गये सभी लेन-देन के ब्यौरो को सुरक्षित किया जाता है। प्रत्येक ग्राहक को बैंक द्वारा एक यूनिक नम्बर दिया जाता है जिसे बैंक अकाउण्ट नम्बर कहते हैं। इस नम्बर के जरिये ग्राहक की बैक में पहचान की जाती है और उसी नम्बर से उस ग्राहक के सभी वित्तीय लेन-देन की जानकारी प्राप्त की जाती है। वित्तीय लेन-देन के कागजी दस्तावेज का पासबुक या बैंक स्टेटमेंन्ट कहते हैं। खाते वही के कई प्रारूप होते लेकिन बैंकों द्वारा जो प्रारूप अपनाया जाता है वो कुछ ऐसा होता है।
(1) तिथि, (2) विवरण, (3) पृष्ठांक, (4) डेबिट धन-राशि, (5) क्रेडिट धन-राशि, (6) शेष।
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बैंक खातों के प्रकार
बैंक खाते चार प्रकार के होते हैं
1. चालू खाता (Current Accounts)
2. बचत खाता (Saving Accounts)
3. आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Accounts)
4. सावधी जमा खाता (Fixed Deposit Accounts)
1. चालू खाता (Current Accounts)
यह खाता बिजनिसमैन, फर्म या कम्पनियों के लिये होता है जिनके अकाउण्ट में पैसे का लेनदेन तेजी से होता है। इस खाते का इस्तेमाल सिर्फ वित्तीय लेन-देन के लिये किया जाता है। इन खातों में बैंकों में पैसे जमा करने या निकालने पर कोई लिमिट नही होता और न ही कोई ब्याज दिया जाता। उल्टा बंैंके इस तरह के खातों से सर्विस चार्ज बसूलती हैं। इन खातों पर बैंके कुछ अतिरिक्त सेवाऐं जैसे चेकबुक आदि भी प्रोवाइड करवाती हैं।
2. बचत खाता (Saving Accounts)
नाम से स्पष्ट हैं कि यह खाता बचत करनें के लिये खोला जाता है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार, छात्र, नौकरीपेशा, पेंशसनर, आदि इस खाते को खोलते हैं। इस खाते में खाताधारक को ब्याज भी दिया जाता है। इन खातों में आपको लेन-देन पर भी कोई चार्ज नही देना होता है। लेकिन आप ऐसे खातों को व्यापार या बडे लेन-देन के लिये इस्तेमाल नही कर सकते हो। इन खातों के संचालन पर कुछ लिमिट है, जैसे एटीएम से 6 महीने के अन्दर तीस बार से ज्यादा पैसे नही निकाल सकते।
3. आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Accounts)
आवर्ती जमा खाता को आरडी (RD) के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह के खाते खास बचत के लिये बनाये जाते हैं। इन खातों मंे आपको एक निश्चित राशि, एक निश्चित समय के लिये हर महीने जमा की जाती है। यदि आप हर महीने पैसे जमा नही करते तो आप पर पैनल्टी लगती है। ऐसे खातों पर ब्याज बचत खातों से ज्यादा मिलता है। लेकिन इन खातों पर बीच में पैसा निकालने की सुविधा नही होती है। आप को एक तय अवधि के बाद आपका पैसा ब्याज सहित वापस कर दिया जाता है।
4. सावधि जमा (Fixed Deposit Accounts)
सावधी जमा को एफडी (FD) के नाम से भी जाना जाता है। इस खाते में आप एक ही बार पैसे जमा कर सकते हो और एक ही बार निकाल सकते हो। इसमें आपको एक निश्चित राशि एक निश्चित समय के लिये बैंक में जमा करनी होती है। ऐसे खातों पर ब्याज सबसे जयादा मिलता है। आपकी समय सीमा पूरी होने के बाद आप बैंक से अपनी धनराशि ब्याज सहित वापस ले सकते हैं।
2. अगर आप किसी के साथ नगद लेन-देन करना कर रहे हो तो उसका कोई भी सबूत आपके पास नही होता है। ऐसे में आपके साथ फ्राॅड होने की सम्भावना बन रहती है। लेकिन यदि आप बैंक के माध्यम से लेन-देन करते हो तो आपके पास उस लेन-देन का रिकाॅर्ड रहता है। जिससे आपके साथ फ्राॅड की सम्भावनाऐं कम हो जाती हैं।
3. आप बैंकिंग सेवाओं जैसे- चैकबुक, एटीएम, आॅनलाइन शाॅपिंग, मनी ट्रांसफर आदि का उपयोग बैंक खाता खुलवाने पर ही कर सकते हो।
4. अगर आप के पास पैसे नही हैं तो आप बैंक से क्रेडिट कार्ड के जरिये उधार या लोन ले सकते हो।
5. बैंको द्वारा आॅनलाइन शाॅपिंग करके आपको कुछ डिस्काउण्ट भी मिलता है।
6. आप किसी दूसरे शहर या दूसरे देश में पैसा भेज या मॅगा सकते हो।
7. बैंक द्वारा खाता खुलवानें पर आपको एक अकाउण्ट नम्बर, पासबुक मिलती है, जिसे आप पते के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल कर सकते हो।
8. आरडी या एफडी खाते का इस्तेमाल करके हम अपनी जमा पूॅंजी को सुरक्षित तरीके से निवेश करके अच्छा रिर्टन प्राप्त कर सकते हैं।
2. अगर आप नौकरी करते हैं या रिटायर्ड हैं तो आपकी सैलरी, पेंशन आपके खाते मंे ही आपको मिलेगा। सभी सरकारी व प्राइवेट संस्थाऐं अब वेतन भुगतान के लिये डायरेक्ट बैंक ट्रान्सफर का ही इस्तेमाल करती हैं।
3. किसी भी व्यक्ति, फर्म से कोई भी बडा लेन-देन करने के लिये आपको अपने खाते का उपयोग ही करना होगा इसलिये बैंक खाता खुलवाना जरूरी है।
बैंक खाते खुलवाने के फायदे
1. घर में रखा पैसा असुरक्षित होता है, इसके खोने, चोरी होने, खराब होने की सम्भावना रहती है। बैंक खाते खुलाने के बाद आप अपने पैसों को बैंक में सुरक्षित रख सकते हैं और उस पर कुछ ब्याज भी प्राप्त कर सकते हैं।2. अगर आप किसी के साथ नगद लेन-देन करना कर रहे हो तो उसका कोई भी सबूत आपके पास नही होता है। ऐसे में आपके साथ फ्राॅड होने की सम्भावना बन रहती है। लेकिन यदि आप बैंक के माध्यम से लेन-देन करते हो तो आपके पास उस लेन-देन का रिकाॅर्ड रहता है। जिससे आपके साथ फ्राॅड की सम्भावनाऐं कम हो जाती हैं।
3. आप बैंकिंग सेवाओं जैसे- चैकबुक, एटीएम, आॅनलाइन शाॅपिंग, मनी ट्रांसफर आदि का उपयोग बैंक खाता खुलवाने पर ही कर सकते हो।
4. अगर आप के पास पैसे नही हैं तो आप बैंक से क्रेडिट कार्ड के जरिये उधार या लोन ले सकते हो।
5. बैंको द्वारा आॅनलाइन शाॅपिंग करके आपको कुछ डिस्काउण्ट भी मिलता है।
6. आप किसी दूसरे शहर या दूसरे देश में पैसा भेज या मॅगा सकते हो।
7. बैंक द्वारा खाता खुलवानें पर आपको एक अकाउण्ट नम्बर, पासबुक मिलती है, जिसे आप पते के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल कर सकते हो।
8. आरडी या एफडी खाते का इस्तेमाल करके हम अपनी जमा पूॅंजी को सुरक्षित तरीके से निवेश करके अच्छा रिर्टन प्राप्त कर सकते हैं।
बैंक खाते खुलवाना क्यों जरूरी है
1. सरकार द्वारा सभी सरकारी योजनाओं जैसे छात्रवृत्ति, सब्सिडी का लाभ सीधे खातों में दिया जाता है। आपको सरकारी लाभ लेने के लिये खाता खुलवाना ही आवश्यक है।2. अगर आप नौकरी करते हैं या रिटायर्ड हैं तो आपकी सैलरी, पेंशन आपके खाते मंे ही आपको मिलेगा। सभी सरकारी व प्राइवेट संस्थाऐं अब वेतन भुगतान के लिये डायरेक्ट बैंक ट्रान्सफर का ही इस्तेमाल करती हैं।
3. किसी भी व्यक्ति, फर्म से कोई भी बडा लेन-देन करने के लिये आपको अपने खाते का उपयोग ही करना होगा इसलिये बैंक खाता खुलवाना जरूरी है।


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