फारूक अब्बास। आर्युवेद का अपनें आप के अलग महत्व हैं। प्राचीन काल से ही आर्युवेद से गम्भीर बीमारियों का उपचार किया जाता रहा है। इसे वैज्ञा...
फारूक अब्बास। आर्युवेद का अपनें आप के अलग महत्व हैं। प्राचीन काल से ही आर्युवेद से गम्भीर बीमारियों का उपचार किया जाता रहा है। इसे वैज्ञानिकों द्वारा पूरक या वैकल्पिक उपचार के रूप में माना जाता है। हाॅलाकिं अब विदेशों में योग और होम्योपैथी के साथ आर्युर्वेद की प्रथाओं को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। आर्युवैदिक उपचार पिछले एक दशक से दुनिया भर में अपनी पकड बना ली है। एलोपैथी की अपेक्षा इनके साइड इफैक्ट रहित होनें के कारण लोगों का आयुर्वेद की तरफ रूझान बढ रहा है।
आर्युवेद का सम्बन्ध सिन्धु घाटी की सभ्यता से है। आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ जीवन(आयु) और ज्ञान(वेद) हैं, जिसको मिलकर बनता है आर्युवेद। अगर आप आर्युवेद चिकित्सा में अपना करियर शुरू करना चाहते हो तो आप इसमें स्नातक कोर्स कर सकते है। आर्युवेद में स्नातक कार्यक्रम है जिसे बैचलर आॅफ आयुर्वेद मेडिसन एंड सर्जरी (बीएएमएस) कहा जाता है। यह डिग्री पाॅच साल की होती है जिसमें एक साल की इण्टर्नशिप शामिल होती है। अगर आप आयुर्वेद में स्नातक डिग्री हासिल करना चहाते हों तो आपको इण्टरमीडियेट के लिये 50 प्रतिषत अंक होने चाहिये। बैचलर डिग्री पूरा करने के बाद आप परास्नातक डिग्री भी कर सकते हो। जिसे एमडी-माॅस्टर आॅफ मेडिसिन(आयुर्वेद) और एमएस माॅस्टर आॅफ सर्जन(आयुर्वेद) के नाम से जाना जाता है।
आयुर्वेद में है करियर
जानकारों के मुताबिक आयुर्वेद में अपार सम्भावनाऐं हैं। भारत की 80 फीसदी जनता किसी न किसी कारण आयुर्वेद का इस्तेमाल करती है। जिससे प्रतीत होता है भारत में आयुर्वेद का बडा बाजार है। आप आयुर्वेद में शोधकर्ता के रूप में करियर बना सकते हो वहीं आप एक आयुर्वेद शिक्षक के रूप में भी करियर बना सकते हो।

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