फारूक अब्बास । अगर आप कोई बेबसाइट या ब्लाॅग चलाते हो तो एक बात जरूर आपको परेशान करती होगी वो ही ट्रैफिक की। ट्रैफिक के लिये न जानें ब्लाॅग...
फारूक अब्बास। अगर आप कोई बेबसाइट या ब्लाॅग चलाते हो तो एक बात जरूर आपको परेशान करती होगी वो ही ट्रैफिक की। ट्रैफिक के लिये न जानें ब्लाॅगर क्या क्या नही करता। लेकिन मनमाफिक ट्रैफिक नही मिलता। आइये जानते हैं कि कैसे आपके ब्लाॅग अच्छा खासा ट्रैफिक आ सकता है कुछ तरीकों को आजमा कर। ये तरीके खुद गूगल ने बताऐं हैं।
सभी जानते हैं ब्लाॅग पर ट्रैफिक आनें का सबसे बडा स्त्रोत है गूगल सर्च इंजन। अगर आपके ब्लाॅग पर गूगल सर्च इंजन से ट्रैफिक आने लगा तो समझो आपका ब्लाॅग दिन दूनी रात चैगनी तरक्की करनें लगेगा। लेकिन चक्कर यह है कि लाख कोशिशों के बाद भी गूगल हमारे ब्लाॅग को ट्रैफिक नही भेजता। जबकि कुछ ब्लाॅग ऐसे भी हैं जो नये हैं और उन पर 10 गुना ट्रैफिक भेजता है। तो आखिर गूगल के ट्रैफिक भेजनें का फण्डा क्या है। आइये जानते हैं।
पिछले 5 जुलाई 2017 को दिल्ली में हुये सेमीनार में गूगल की टीम के द्वारा इन्ही सभी चीजों पर बताया गया कि आखिर कैसे आप अपनी बेबसाइट के लिये गूगल से ट्रैफिक खींच सकते हो।
गूगल ट्रैफिक कैसे भेजता है।
जब भी कोई व्यक्ति गूगल में किसी विषय पर सर्च करता है तो गूगल उस विषय से सम्बन्धित परिणाम अपनें पेज पर दिखाता है। सर्च करनें वाला व्यक्ति उन्ही परिणामों में किसी एक परिणाम पर चला जाता है। जिससे उस विषय से सम्बन्धित ब्लाॅग पर ट्रैफिक चला जाता है। जो ब्लाॅग गूगल में अच्छी रैंक करता है वो ब्लाॅग ऊपर होता है और उस ब्लाॅग पर ज्यादा ट्रैफिक जाता है।
गूगल में रैंक कैसे तय होती है।
अब सबाल यह उठता है कि गूगल मे रैंक कैसे तय होती है। किसी भी विषय से सम्बन्धित गूगल पर हजारो बेबसाइट होती हैं लेकिन गूगल सिर्फ कुछ बेबसाइट को ही ऊपर क्यों दिखाता है। क्या गूगल उनसे कोई पैसे लेता है या फिर गूगल की कुछ शर्तें होती हैं। तो दोस्तो आपको बतादें कि गूगल इसके लिये कभी कोई पैसा नही लेता है। बस इसके कुछ पैरामीटर्स होते हैं जिनके हिसाब गूगल रैंक तय करता है। आइये जानते हैं क्या है गूगल के रैकिंग फैक्टर्स
1. क्वालिटी कन्टेन्ट
गूगल में अच्छी रैंक करवानें के लिये यह सबसे बुनियादी चीज होती है। अगर आप कोई ब्लाॅग चला रहे हो तो आपको उस को सफल बनानें के लिये और गूगल पर अच्छी रैकिंग लानें के लिये क्वालिटी कन्टेन्ट तो रखना ही पडेगा। इसके बगैर आपको ब्लाॅग को अच्छी रैकिंग मिलने से रही। गूगल आपके कन्टेण्ट की क्वालिटी आपके यूजर्स के एक्सपीरियन्स से पता लगाता है कि यूजर्स कितनी देर आपके ब्लाॅग पर रूके और आपके ब्लाॅग को कितना पसन्द किया।
2. यूजर फ्रैण्डली डिजाइन
इसके अलावा आपकी डिजायन भी गूगल में रैंक करानें में आपकी मदद करती है। अगर आपकी डिजाइन यूजर फ्रैण्डली है तो आप को गूगल में अच्छी रैंक मिल सकती है। यूजर चाहे किसी भी प्लेटफार्म जैसे मोबाइल, डेस्कटाॅप, या टेवलेट में आपको बेबसाइट को विजिट करे आपको बेबसाइट सही तरीेके से अगर ओपन होती है तो आपकी बेबसाइट यूजर फे्रण्डली है और आप गूगल में अच्छी रैंक पा सकते हो।
3. पेज स्पीड
अगर आपकी बेबसाइट लोड होने में टाइम लगाती है तो फिर गूगल भी आपकी कोई मदद नही कर सकता। क्योंकि ज्यादातर विजीटर का मोबाइल में साइट को लोड होने में धैर्य सिर्फ 3 सैंकण्ड ही है और डेस्कटाॅप पर 5 से 10 सेकण्ड अगर आपके बेबसाइट लोड होने में इससे ज्यादा समय लेती है तो यूजर्स इसे छोड कर चले जाऐंगे जिसका असर आपकी गूगल रैंक और ट्रैफिक दोनो पर पडेगा।
4. एचटीटीपीएस है जरूरी
यह एक बडा रैकिंग फैक्टर तो नही हैं लेकिन आपके यूजर्स को यह एक अच्छा एक्सीपीरियन्स देता है। जिससे आपको रैंक बढानें में मदद मिलती है। गूूगल सभी बेबसाइट पर इसे लगानें की सलाह देता है।
5. आर्टिकल माॅडयूल
यह भी क्वालिटी कन्टेन्ट के अन्दर ही आता है। लेकिन इसे समझानें के लिये अलग किया गया है। दरअसल आपके आर्टिकल लिखनें का माॅडयूल जितना स्पेशल होगा आपकी रैकिंग उतनी ही ज्यादा बढेगी। आप जिस भाषा में कन्टेन्ट लिखते है उसी भाषा में टाइटल और हैडिंग देने की कोशिश करें। वही काॅपी राइट कन्टेन्ट से बचें।
6. अपने विजीटर्स को धोखा न दें
आप अपने ब्लाॅग के जरिये से अपने विजीटर्स को अगर धोखा देते हो तो गूगल आपके ब्लाॅग को अपनी लिस्ट से डिलीट भी कर सकता है। इसलिये सत्य पर सटीक जानकारी ही अपने ब्लाॅग पर लिखें और उन्हे धोखा देने या बेवकूफ बनानें से परहेज करें।
7. किसी भी तरह की ट्रैफिक बढानें की ट्रिक को नजर अंदाज करें
गूगल अपने सर्च इंजन में अपने पैरामीटर्स के हिसाब से ही रैकिंग देता है वो किसी भी तरह की प्रीमीयम सर्विस या अन्य किसी तकनीकि जुगाड को सपोर्ट नही करता। फिर भी कुछ लोग गूगल के माॅनीटरिंग साफ्टवेयर को धोखा देकर अपनी रैकिंग को सही कर लेते हैं लेकिन ये पूरी तरह से अवैध होता है। पकडे जानें पर गूगल आपको ब्लाॅग को स्थाई रूप से ब्लाॅक कर देता है। इसलिये इस तरह की किसी भी ट्रिक को नजरअंदाज करें।
8. क्लोंकिंग से बचें
गूगल को कुछ और दिखाना और विजीटर्स को कुछ और दिखाना क्लोकिंग कहलाता है। इसलिये क्लोकिंग से बचें।
9. एएमपी
यह आपके ब्लाॅग को मोबाइल पर बिना ज्यादा लोड लिये कम स्पीड पर भी ओपन कर देता है। इसलिये इस फीचर को अपने ब्लाॅग पर जरूर एक्टिव रखें।
10. रेगूलर पोस्टिंग
गूगल के अनुसार जो पेज या ब्लाॅग जल्दी जल्दी अपडेट होते रहते हैं गूगल उन्हे हमेशा अच्छी रैंक पर रखता है। इसलिये अपने ब्लाॅग को नियमित रूप से अपडेट करते रहें।

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