फारूक अब्बास। हैकिंग का ऐसा तरीका है जिससे हम इण्टरनेट में बनाऐ गये सिक्योरिटी सिस्टम को तोडकर, उसमें अपनी इच्छानुसार कुछ भी यह गलत या सह...
फारूक अब्बास। हैकिंग का ऐसा तरीका है जिससे हम इण्टरनेट में बनाऐ गये सिक्योरिटी सिस्टम को तोडकर, उसमें अपनी इच्छानुसार कुछ भी यह गलत या सही बदलाव कर सकते हैं, जैसे कि सिस्टम को एक्सेस करना, सिस्टम को अपनें कन्ट्रोल में लेना, उसमें देखना, एडिटिंग करना, सूचना को काॅपी या डिलीट करना आदि, और जो इस काम को अंजाम देते हैं, उन्हें हैकर कहा जाता है।
हैंकर और क्रैकर में अन्तर
जब कोई इन्सान किसी भी तरह की सिक्योरिटी को उसके सही इस्तेमाल या सुरक्षा की द्रष्टि से तोडता है तो उसे हैकर कहा जाता है। वह किसी भी तरह से सम्बन्धित डाटा का गलत उपयोग नही करता है।त्र
जो लोग हैकिंग का गलत इस्तेमाल करते हैं या अपनें निजी फायदे के लिये डेटा हैकिंग करते हैं तो उन्हे क्रैकर कहते हैं। यानी कोई भी अगर हैकिंग का इस्तेमाल गलत उपयोग के लिये करता है तो उन्हें क्रैकर कहते हैं।
आमतौर पर क्रैकर शब्द का उपयोग नही किया जाता है लेकिन आप हैकर और क्रैकर में अन्तर समझ चुके हैं। किन्तु प्रायः सभी जगहों पर हैकर शब्द का ही प्रयोग करते हैं।
हैंकर क्यों करते हैं हैकिंग
1. अपनें मनोरजन के लिये
2. लोगों को दिखानें के लिये कि वे हैकिंग कर सकते हैं
3. किसी कम्पनी का ध्यान आकर्षिक करनें के लिये
4. लोगों का अपना टैलेन्ट दिखानें के लिये कि वे हैकिंग में कितने एक्सपर्ट हैं।
5. सूचना या डाटा चुरानें के लिये
6. दुश्मनी की भावना से अपने विरोधी नेटवर्क को खत्म करनें के लिये।
7. पैसे चुरानें के लिये
8. हैकिंग के जरिये जोगों में अपना भय पैदा करनें के लिये।
हैकिंग के फायदे
1. कम्पयूटर की खोयी हुई सूचना या डाटा को वापिस लानें के लिये
2. हैकिंग के द्वारा टेक्नोलाॅजी की सुरक्षा व्यवस्था जाननें के लिये
3. अपनें नेटवर्क की सिक्योरिटी के लिये।
हैकिंग के नुकसान
1. हैकर गलत अपनें या निजी फायदे के लिये इसे उपयोग कर सकते हैं।
2. वे किसी की प्राइवेसी को नुकसान पहुॅचा सकते हैं।
3. पैसे ट्राॅन्सफर कर सकते हैं, लोगों को तंग कर सकते हैं। ये सारे काम प्रायः कै्रकर करते हैं जो पूरी तरह से गैर कानूनी है।
हैकिंग के प्रकार
1. बेबसाइट हैकिंग- इसमें टार्गेट वेबसाइट हैक करके उसके यूजर के नाम और पासवर्ड को हासिल किया जातात है और उसका पूरा कंट्रोल हैकर के हाथ में आ जाता है जिससे वह वेबसाइट में अपने हिससाब से बदलाव कर सकते हैं।
2. नेटवर्क हैकिंग-जिस नेटवर्क को हैक करना चाहते हैं उस नेटवर्क से जुडी समस्त इनफार्मेशन हैकर के हाथ में आ जाती है।
3. एथिकल हैकिंग- र्को व्यक्ति किसी सिस्टम की कमियों को पहचान कर उसे दर करने का प्रयास करता है तो उसे एथिकल हैकिंग कहते हैं।
4. ईमेल हैकिंग- इसतें किसी ईमेल अकाउंट को हैक करके उसके मेल को पढा बदला जा सकता है या किसी को मेल भी भेजा जा सकता है।
5. पासवर्ड हैकिंग-इस हैकिंग से किसी भी सिस्टम का पासवर्ड हैक कर सकते हैं।
6. आॅनलाइन बैकिंग हैकिंग- इसमें बैंक की सिक्यूरिटी को तोडकर किसी के भी आॅनलाइनन बैंक अकाउंट के साथ छेडछाड की जा सकती है।
7. कंप्यूटर हैकिंग-इसमें किसी के कंप्यूटर को हैक करके उसकी ॅाइल्स को पढा जा सकता है डिजीट या एडिट किया जा सकता है इनफार्मेशन को चुराया जा सकता है।
हैकर्स के प्रकार
1. व्हाइट हेट हैकर- इन्हे अच्छा हैकर कहा जाता है। यह हैकिंग का गलत इस्तेमाल नही करते है, बल्कि अपराधियों को पकडनें में पुलिस साइबर सेल की मदद करते हैं। यह हमारे सिस्टम को सुरक्षित रखनें का प्रयास करते हैं।
2. ब्लैक हैट हैकर- यह बुरे हैकर होते हैं जो यह बिना किसी अनुमति के किसी का भी अकाउंट हैक कर लेते हैं और उसके डेटा का गलत इस्तेमाल करते हैं। यह किसी को नुकसान पहुॅचानें में और सिक्योरिटी तोडनें में माहिर होते हैं। ये हैकिंग में दक्ष होते हैं। अतः किसी भी सिस्टम में आसानी से सेंध लगा सकते हैं।
3. . ग्रै हैट हैकर- इनमें व्हाइट हैट हैकर और ब्लैक हैट हैकर दोनों की प्रवत्ति होती है। ये किसी भी काम को अपनी मर्जी से करते हैं।
