फारूक अब्बास । नोटबन्दी के बाद भारत अब कैशलैस व्यवस्था की ओर बढता जा रहा है। नऐ नियमों के अनुसार एक तय सीमा से ज्यादा नकद लेन देन नही हो ...
फारूक अब्बास। नोटबन्दी के बाद भारत अब कैशलैस व्यवस्था की ओर बढता जा रहा है। नऐ नियमों के अनुसार एक तय सीमा से ज्यादा नकद लेन देन नही हो सकता है। कैशलेस इकनाॅमी में लोगों की प्राथमिकता बन रहे हैं ई वैलेट। पिछले कुछ महीनों में बाजार में ई वैलेट्स की बाढ सी आ गई है। पेटीएम समेंत सभी बैंकों ने अपना ई वैलेट लाॅच कर दिया है। साथ साथ ही साथ सरकार नें भी भीम एप लाॅच करके डिजीटल लेन-देन को बढाबा दिया है। लेकिन डिजीटल लेन-देन के साथ भी डिजीटल चोरियाॅ का खतरा भी बढ गया है। इससे निपटनें के लिये भी कदम उठानें पडेगे।
लोगों का सूचना है कि जब जेब में पैसे नही होंगे तो चोरी भी नही होगी। लेकिन यह गलत है। क्योंकि आज के डिजीटल दौर में चोर भी डिजीटल हो गये हैं। अगर आप ये सोच रहे हैं कि आपका वैलेट सुरक्षित है तो संभल जाइये क्योंकि इण्टरनेट पर किसी के वैलेट को हैक करना बेहद आसान है। अगर आप नें थोडी सी सावधानी नही बरती तो जब आपका वैलेट हैक होना का पता आप को चलेगा तब तक आप लुट चुके होगे।
डिजीटल चोरी आपके और पुलिस दोनों के लिये एक सिर दर्दी बन सकती है। क्योंकि ज्यादातर मामलों ऐसे चोर पकड में नही आते हैं। और आप अपनी रकम को वापस नही प्राप्त कर सकते।
डिजीटल चोरी आपके और पुलिस दोनों के लिये एक सिर दर्दी बन सकती है। क्योंकि ज्यादातर मामलों ऐसे चोर पकड में नही आते हैं। और आप अपनी रकम को वापस नही प्राप्त कर सकते।
कैसे होती है डिजीटल चोरी
इसकी शुरूआत भारत में काफी समय पहले ही हो चुकी है। लोग फोन कर के आपके एटीएम का पिन व जरूरी जानकारी पॅूछ कर आपके खाते से पैसे निकाल लेते हैं। इसके अलावा गोपनीय जानकारी प्राप्त करके फर्जी डेबिट कार्ड या क्रैडिट कार्ड बनाकर भी चोरी करते रहें हैं। लेकिन अभी वैलेट व्यवस्था शुरू होनें के बाद चोरों को चोरी करना और भी आसान हो गया है। वैलेट को हैक करनें के लिये आपके मोबाइल नम्बर और उस पर आये ओटीपी से ही हैकर आपके वैलेट से सारे रूपये किसी दूसरें के खाते में ट्राॅन्सफर कर सकता है या फिर शाॅपिंग कर सकता है। ये हैकर्स इतने शातिर होते हैं कि पुलिस इन तक आसानी से नही पहूॅच पाती है।
कैसे रखें अपना वैलेट सुरक्षित
अपने वैलेट को सुरक्षित रखनें के लिये आपको अपने फोन में पैटर्न लाॅक के अलावा अपने वैलेट पर भी लाॅक लगा कर रखना होगा। इसके अलावा आपको फोन पर किसी अनचाहे मैसेज या लिंक पर क्लिक करनें से बचना होगा। इसके अलावा निम्न चीजों का ध्यान रखें।
1. अपना पासवर्ड किसी भी स्थिति में किसी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर न करें।
2. समय समय पर अपना ट्राॅन्जकशन पासवर्ड बदलते रहें।
3. पैमेन्ट करते समय संयम रखें व पूरी जाॅच पडताल कर लें। इसके अलावा बेबसाइट के यूआरएल में यह देख लें किhttps:// लिखा हुआ है या नही। इसकमें एस S सुरक्षा का मानक है।
4. अपने वैलेट मेें ज्यादा पैसे न रखें।
5. अगर आप आॅनलाइन सामान खरीद रहें हैं तो ट्रस्टेड बेबसाइट पर से ही खरीदें। थोडे से लालच के चक्कर में किसी फ्राॅड बेबसाइट के शिकार न बनें।
अगर आप डिजीटल लेन देन करते समय थोडी सी सावधानियाॅ बरतोगे तो आप अपने ई वैलेट को बचा पाऐंगे। अगर आप लापरवाही करते रहे तो निश्चित रूप से आॅप आॅनलाइन ठगी का शिकार हो सकते हैं।
ई वैलेट की भी करें जाॅच
कई ऐसे ई वैलेट मार्केट में आ गये हैं जो खुद ही आपकी जानकारी लीक कर देते हैं। इसलिये किसी भी वैलेट को चुननें से पहले सही जाॅच पडताल कर लें।
