फारूक अब्बास । कभी दिल्ली के पालिका बाजार व लाजपत राय मार्किट में फुटकर में म्यूजिक कैसेट बचेन वाले नरेन्द्र बंसल आज भारत की दूसरी सबसे ब...
फारूक अब्बास। कभी दिल्ली के पालिका बाजार व लाजपत राय मार्किट में फुटकर में म्यूजिक कैसेट बचेन वाले नरेन्द्र बंसल आज भारत की दूसरी सबसे बडी मोबाइल व गैजेट्स कम्पनी के मालिक बनें बैठै हैं। आइये जानते हैं नरेन्द्र बंसल और इंटेक्स के बारें में
कौन कहता है कि आसमाॅ में सुराख नही हो सकता।
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।
कुछ वर्ष पहले तक वीडियोकोन को भारत की मल्टीनेशनल कम्पनी कहा जाता था, आज वही कम्पनी इंटेक्स टेक्नाॅलाॅजी के बारें में दोहराई जाती रही है। महज कुछ वर्षों में मोबाइल फोन के मैदान में अपना सिक्का जमानें के बाद वह घरेलू उत्पादों के क्षेत्र में कडी टक्कर देने को तैयार है। इंटेक्स की क्वालिटी को भारतीय बाजार पहले ही स्वीकार कर चुका है। उसके मोबाइल, स्मार्टफोन किसी परिचय के मोहताज नही हैं। अपनी इसी गुणवत्ता के सााि समकालीन कम्पनियों के को की चुनौती देगी।
इस सफलता के पीछे इंटेक्स के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री नरेन्द्र बंसल की दूरदर्शिता, परिश्रम और द्रढ इच्छा शक्ति एवं प्रबन्धकीय कौशल का बहुत बडा हाथ है, जिन्होनें अपनें सपनों को हकीकत में बदलकर लोगों के लिये एक प्रेरक मिसाल कायम की है। नरेन्द्र का जीवन अनेक उपलब्धियों से भरा है जो स्वयं उनकी संघर्षमय सफलता का जीवन्त उदाहरण है और प्ररेणास्त्रोत भी। उनके लिये यहाॅ तक पहुॅचना असान नही रहा किन्तु अपनी मेहनत दूरदर्शिता के बल पर ही बह अपनी और अपनें परिवार की पहचान बना पाऐ।
नरेन्द्र नें अपना वजूद अपने बल पर स्थापित किया और एक बडा ब्राॅण्ड खडा किया। उनका जन्म 1963 में राजस्थान के एक गाॅव में हुआ था किन्तु उनके पिता पुरानी दिल्ली केे नया बाजार इलाके में अनाज का छोटा मोटा कारोबार करते थे। गाॅव में ही प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करनें के उपरान्त उनका परिवार नेपाल चला गया और यहाॅ के विश्वनिकेतन हाई स्कूल में नरेन्द्र नें आगे की पढाई की। चूॅकि पिता का कारोबार दिल्ली में था इसलिये 1980 में वह दिल्ली आ गये और काॅमर्स से स्नातक की शिक्षा पूरी की। नरेन्द्र के अन्दर कुछ बडा करनें का जुनून था। इस वजह से वह पिता के व्यापार में हाथ न बटाकर खुद का कोई बिजनिस शुरू करना चाहते थे।
पढाई के दौरान ही उन्होनें कुछ करनें की ठान ली थी और अपना बिजनिस शुरू कर दिया। उन दिनों लोगों में म्यूजिक के प्रति ज्यादा क्रेज था और नरेन्द्र नें बाजार की नब्ज पकड कर म्यूजिक से सम्बन्धित बिजनिस करनें की शुरूआत की। नरेन्द्र निर्माताओं से थोक के रेट में म्यूजिक सीडी खरीदते और पालिका बाजार और लाजपत राय मार्किट में फुटकर के भाव में छोटे व्यापारियों के बेचत थे। उन्होंने म्यूजिक कैसेटे के अलावा वीडियो कैसेट्स, वीसीआर और फ्लाॅपी डिस्क आदि की सप्लाई की। इसके बाद कम्प्यूटर क्रान्ति आनें पर हार्डड्राइव और रैम का भी सफल व्यापार किया। इसके अलावा दिल्ली के बिरला मन्दिर में आनें वाले पर्यटकों की फोटों खीचकर उसे कीचेन में फ्रेम करके बेचा करते थे।
इस सफलता के पीछे इंटेक्स के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर श्री नरेन्द्र बंसल की दूरदर्शिता, परिश्रम और द्रढ इच्छा शक्ति एवं प्रबन्धकीय कौशल का बहुत बडा हाथ है, जिन्होनें अपनें सपनों को हकीकत में बदलकर लोगों के लिये एक प्रेरक मिसाल कायम की है। नरेन्द्र का जीवन अनेक उपलब्धियों से भरा है जो स्वयं उनकी संघर्षमय सफलता का जीवन्त उदाहरण है और प्ररेणास्त्रोत भी। उनके लिये यहाॅ तक पहुॅचना असान नही रहा किन्तु अपनी मेहनत दूरदर्शिता के बल पर ही बह अपनी और अपनें परिवार की पहचान बना पाऐ।
नरेन्द्र नें अपना वजूद अपने बल पर स्थापित किया और एक बडा ब्राॅण्ड खडा किया। उनका जन्म 1963 में राजस्थान के एक गाॅव में हुआ था किन्तु उनके पिता पुरानी दिल्ली केे नया बाजार इलाके में अनाज का छोटा मोटा कारोबार करते थे। गाॅव में ही प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करनें के उपरान्त उनका परिवार नेपाल चला गया और यहाॅ के विश्वनिकेतन हाई स्कूल में नरेन्द्र नें आगे की पढाई की। चूॅकि पिता का कारोबार दिल्ली में था इसलिये 1980 में वह दिल्ली आ गये और काॅमर्स से स्नातक की शिक्षा पूरी की। नरेन्द्र के अन्दर कुछ बडा करनें का जुनून था। इस वजह से वह पिता के व्यापार में हाथ न बटाकर खुद का कोई बिजनिस शुरू करना चाहते थे।
पढाई के दौरान ही उन्होनें कुछ करनें की ठान ली थी और अपना बिजनिस शुरू कर दिया। उन दिनों लोगों में म्यूजिक के प्रति ज्यादा क्रेज था और नरेन्द्र नें बाजार की नब्ज पकड कर म्यूजिक से सम्बन्धित बिजनिस करनें की शुरूआत की। नरेन्द्र निर्माताओं से थोक के रेट में म्यूजिक सीडी खरीदते और पालिका बाजार और लाजपत राय मार्किट में फुटकर के भाव में छोटे व्यापारियों के बेचत थे। उन्होंने म्यूजिक कैसेटे के अलावा वीडियो कैसेट्स, वीसीआर और फ्लाॅपी डिस्क आदि की सप्लाई की। इसके बाद कम्प्यूटर क्रान्ति आनें पर हार्डड्राइव और रैम का भी सफल व्यापार किया। इसके अलावा दिल्ली के बिरला मन्दिर में आनें वाले पर्यटकों की फोटों खीचकर उसे कीचेन में फ्रेम करके बेचा करते थे।
इंटरनेशनल इंपेक्स की शुरूआत
लेकिन नरेन्द्र को इस काम में मजा नही आ रहा था। वो कुछ अलग करना चाह रहे थे। एक बार उनके दोस्त नें उन पर तंज कसा कि स्टीकर लगानें से ब्राॅण्ड नही बनता। बस यही बात उन्हे चुभ गई और उन्होनें अपना ब्राॅण्ड बनानें के लिये इंटरनेशल इंपेक्स के नाम से कम्पनी बना डाली। और कम्प्यूटर उपकरण जैसे फ्लाॅपी डिसक, कार्ड, रैम आदि की की सप्लाई करनें लगे। 1996 में इसका नाम बदल कर इंटेक्स टैक्नाॅलाॅजी कर दिया गया जिस नें पहले ही वर्ष में 1.18 करोड रूपये का सफलतम व्यवसाय किया। 2003 में कम्पनी का टर्नओवर 32 करोड रूपये तक जाॅ पहुॅचा। 20014 में उन्होने नें जम्मू में खुद की स्पीकर्स निर्माण वाली फैक्ट्री लगाली।
नरेन्द्र बाजार में बढते मोबाइल के क्रेज को देखकर 2007 में मोबाइल हैंडसेट के बिजनिस में उतर गये। और बहुत जल्दी ही निम्न वर्ग के उपभोक्ताओं में अपनी पकड बना ली। वर्ष 2014-15 में कम्पनी नें 2652 करोड का व्यापार किया। जो 2015-16 में बढकर 6213 करोड रूप्ये हो गया। आज इंटेक्स एक बडी मोबाइल कम्पनी के रूप में उभर कर सामनें आई है।
अपने बूते पर साम्राज्य खडे करनें वाले नरेन्द्र बंसल के बे बेटे केशव बंसल भी अपनें पिता की राह पर चल निकले। 24 वर्षीय केशव इंटेक्स के डायरेक्टर एवं मार्केटिंग हैड हैं। वहीं नरेन्द्र की 20 वर्षीय बेटी इषिता सीएसआर की गतिविधियों को संचालित करती हैं।
नरेन्द्र नें अपनें द्रढ संकल्प और परिश्रम के बल पर आईटी एवं मोबाइल के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई और दूरदर्शिता के महत्व को समझाया। प्रबन्ध कौशल के दम पर एक बढा बिजनिस खडा कर के एक नया उदाहरण पेश किया है।
नरेन्द्र बाजार में बढते मोबाइल के क्रेज को देखकर 2007 में मोबाइल हैंडसेट के बिजनिस में उतर गये। और बहुत जल्दी ही निम्न वर्ग के उपभोक्ताओं में अपनी पकड बना ली। वर्ष 2014-15 में कम्पनी नें 2652 करोड का व्यापार किया। जो 2015-16 में बढकर 6213 करोड रूप्ये हो गया। आज इंटेक्स एक बडी मोबाइल कम्पनी के रूप में उभर कर सामनें आई है।
अपने बूते पर साम्राज्य खडे करनें वाले नरेन्द्र बंसल के बे बेटे केशव बंसल भी अपनें पिता की राह पर चल निकले। 24 वर्षीय केशव इंटेक्स के डायरेक्टर एवं मार्केटिंग हैड हैं। वहीं नरेन्द्र की 20 वर्षीय बेटी इषिता सीएसआर की गतिविधियों को संचालित करती हैं।
नरेन्द्र नें अपनें द्रढ संकल्प और परिश्रम के बल पर आईटी एवं मोबाइल के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई और दूरदर्शिता के महत्व को समझाया। प्रबन्ध कौशल के दम पर एक बढा बिजनिस खडा कर के एक नया उदाहरण पेश किया है।
साभार : कम्प्यूटर संचार सूचना
