फारूक अब्बास। डिजीटल होते भारतवर्ष में मीडिया भी पूरी तरह से डिजीटलाइजेशन के तरफ मुड गई है। वैसे तो मीडिया नें देश में 10 वर्ष पहले से ही...
फारूक अब्बास। डिजीटल होते भारतवर्ष में मीडिया भी पूरी तरह से डिजीटलाइजेशन के तरफ मुड गई है। वैसे तो मीडिया नें देश में 10 वर्ष पहले से ही आॅनलाइन संस्करण की तरफ कदम बढा लिये थे लेकिन इन दिनों मीडिया का डिजिटलाइजेशन चरम पर है। यही कारण हैं कि यहाॅ करियर की अपार सम्भावनाऐं हैं।
अगर आप की रूचि दुनिया में हो रही घटनाओं को लिखनें में हैं तो आप पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। इण्टरनेंट के आनें के बाद पत्रकारिता का भविष्य अब बेव पर आ गया है। ऐसे में आप भी किसी न्यूज पोर्टल से जुडकर काम कर सकते हो। ऐसा करनें पर आपको पैसा और नाम दोनों मिलेंगे।
बढ रहा इण्टरनेट मीडिया का क्रेेेज
इण्टरनेट के बढते दायरे के कारण अब अखबार और टीवी पर न्यूज पढनें या देखनें का क्रेज खत्म हो गया है। अब लोग चलते फिरते कहीं भी अपनें मोबाइल से न्यूज का मजा लेते हैं। इण्टरनेट पर चलने वाली बेव पत्रकारिता एक हद तक इलेक्ट्रोनिक मीडिया को भी टक्कर देती है। विशेषज्ञों का मानना हैं कि आनें वाला दौर बेव जर्नलिज्मों का ही होगा। जैसे जैसे देश में इण्टरनेट पर लोगों की पकड बढ रही है वैसे वैसे ही कुशल बेव पत्रकारों की माॅग भी बढ रही है।
सुुुुनहरे भविष्य की सम्भावनाऐं
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 तक देश में डिजीटल ऐड मार्केट करीब 34 प्रतिशत की दर से बढनें की उम्मदी है। जबकि प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक और रेडियो की ऐड ग्रोथ क्रमश 8.6 प्रतिशत, 15 प्रतिशत ओर 17 प्रतिशत तक ही रहनें का अनुमान हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि आनें वाले समय में बेव जर्नलिज्म का दायरा बढेगा।
इण्टरनेट के विस्तार के बाद लोग अखबार या टीवी से ज्यादा न्यूज को अपनें मोबाइल पर देखना ज्यादा अच्छा समझते हैं यही बात है कि आज कल हर न्यूज पेपर, टीवी चैनल का बेव संसकरण उपलब्ध है। इसके अलावा कुछ स्वतन्त्र न्यूज पोर्टल भी हैं जो बिना किसी चैनल या अखबार के चलते हैं।
बडे अखबार या न्यूज पेपर के बेव संस्करण के लिये खबर उनके नेटवर्क से ही मिल जाती है। इसलिये वहाॅ पर काॅपी एडिटर, सब काॅपी एडिटर या सम्पादक के तौर पर नौकरी मिल सकती हैं। वहीं स्वतन्त्र न्यूज पोर्टल के लिये आपको न्यूज को कवरेज करनें के लिये नौकरी मिल सकती है।
वेब जर्नलिज्म में भी पत्रकारिता के तरह ही फील्ड व डेस्क दोनो काम होते हैं। फील्ड में वे लोग काम करते हैं जिन्हे सोसाइटी की समझ होती है, लोगों से मिलना जुलना अच्छा लगता है व जो शरीर से एक्टिव होते हैं। कैमरामेन भी फील्ड का ही हिस्सा होता है। वहीं डेस्क पर खबरों को लिखना उन्हें एडिट करना आदि काम होता है।
कोर्स व योग्यताऐं
वैसे तो देश में पत्रकारिता की पढाई करानें वाले कई संस्थान हैं लेकिन अभी वेब जर्नलिज्म के लिये अलग से कोई कोर्स नही कराया जाता है। अगर आप पत्रकारिता के क्षेत्र में पहले से हैं तो आपके लिये वेब जर्नलिस्ट के तौर पर काम करना कोई बडी बात नही हैं। बस आपको थोडी सी कम्पयूटर, इण्टरनेट व एसईओ की नाॅलेज लेना जरूरी है। वहीं नये लोग पत्रकारिता से जुडे किसी भी डिप्लोमा या डिग्री लेकर इससे जुड सकते हैं।
किसी भी आॅनलाइन मीडिया में युवाओं को शुरूआत में 15 से 20 हजार रूपये महीनें की सैलरी आसानी से मिल जाती है। लेकिन आधारभूत ज्ञान और क्षमता और अनुभव बढने ंके साथ ही इस फील्ड में सैलरी भी बढती रहती है। महज 3 से 5 वर्षों के अनुभव में आप 30 से 50 हजार रूपये महीना कमा सकते हो।
