फारूक अब्बास । ब्लॉग बनानें के बाद सभी ब्लॉगर्स को ब्लॉग के ट्रैफिक की चिन्ता सतानें लगती हैै। इसके लिये न जानें कौन कौन से तरीके अपन...
फारूक अब्बास। ब्लॉग बनानें के बाद सभी ब्लॉगर्स को ब्लॉग के ट्रैफिक की चिन्ता सतानें लगती हैै। इसके लिये न जानें कौन कौन से तरीके अपनाते हैैं। ब्लॉग ट्रैफिक को बढानें के लिये एसईओ की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आज हम आपको बतानें जा रहे हैं कुछ ऑन पेज एसईओ ट्रिक्स के बारें मेें कुछ
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ऑन पेज SEO क्या होता है
यह एक एसईओ का हिस्सा होता है जिसमें ब्लॉग या पोस्ट में एसईओ के अनुरूप परिवर्तन किये जाते हैं। क्वालिटी कन्टेन्ट लिखना, हैडिंग्स, टाइटल, कीवर्ड आदि को SEO के अनुकूल करना ऑन पेज एसईओ कहलाता हैै। चलिये जानते हैं कैसे करें ऑनपेज एसईओ
1- ब्लॉग पोस्ट टाइटल
पोस्ट के टाइटल की एक अलग ही वैल्यू है। पोस्ट का शीर्षक ही किसी पोस्ट की पोपूलरिटी तय करनें की पहली सीढी होती हैै। टाइटल को जितना आकर्षित बनाया जाऐगा उतने ज्यादा लोग ही आपके ब्लॉग पर आऐंगे। ब्लॉग के टाइटल को आप कई पैरामीटर्स में परख सकते हैं। कोशिश कीजिये कि सभी टारगेट कीवर्ड आपके टाइटल मेें मौजूद हों।
2- पोस्ट Permalink की महत्वता
टाइटल के बाद सबसे खास चीज होती है पोस्ट का परमालिंक। ज्यादातर लोग पोस्ट लिख कर सीधे पब्लिश कर देते हैैं लेकिन उसकी परमालिंक पर ध्यान नही देती। जिन लोगों का टाइटल अंग्रेजी मेें होता है उनका तो परमालिंक काफी हद तक अपने आप सेट हो जाता है लेकिन हिन्दी में टाइटल लिखनें बाले लोगों को परमालिंक पर विशेष ध्यान देना चाहिये। परमालिंक में पोस्ट से सम्बन्धित सही कीवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिये।
3- हैडिंंग टैग्स
ब्लॉग पोस्ट मेें हैडिंग्स का उपयोग पोस्ट को सरल व आकर्षित बनानें के लिये किया जाता है। इसलिये हैडिंग्स टैग्स मेें कंंजूसी न करें। जरूरत पढनें पर्याप्त हैडिंंग्स का इस्तेमाल करें। इससे विजीटर ज्यादा देेेर तक आपकी बेबसाइट पर रूकता है और आपकी रैंकिग बढेेेगी।
4- इमेज
कहते हैं एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती हैै। अगर अाप अपने ब्लॉग की पोस्ट में इमेज का ध्यान रखेंगे तो विजीटर आपके ब्लॉग को पसन्द करेगा। अगर अाप कोई तकनीकि ब्लॉग चला रहे हो तो खास ध्यान रखें क्योंकि विजीटर पढनें से ज्यादा देखनें से सीखता है। यही वजह है कि लोग यूटयूब की तरफ चले गये हैैं। अपने ब्लॉग पर डाली गई तस्बीर मेें अपना यूआरएल अवश्य छोडें।
5- पोस्ट की लम्बाई
यह एक खास बात हैैै। ज्यादातर जिन पोस्ट की लम्बाई ज्यादा होती है उनकी रैकिंग काफी अच्छी होती हैैै। इसलिये अपनी पोस्ट मे ज्यादा से जयादा जानकारी देेेेने की कोशिश करें। लेकिन इस बात का भी ख्याल करें की रीडर बोर न हो। लम्बी पोस्ट के चक्कर में फालतू की चीजें न लिखें। क्वालिटी कन्टेन्ट लिखनें की कोशिश करें।
6- लिंकिंग
ब्लॉगिंग मेें लिंकिंग का भी एक अलग प्रभाव है। यह दो तरीकों से होती है एक Internal व दूसरी External आपनें WikiPedia पर देखा होगा कि उसकी पोस्ट के अन्दर ही अन्य पोस्ट के लिंक दिये गये होते हैैं। जिससे वहॉ विजीटर एक पोस्ट से दूसरी पोस्ट पर चला जाता है। लेकिन उस बेबसाइट पर रूका रहता हैैै। इससे बेबसाइट की रैैकिंग बनी रहती हैैै। इसके अलावा अलग अलग सेक्शन बनाकर External Linking भी जरूरी हैैै।

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